लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति या कहावत के पीछे कोई कहानी होती है। इससे निकली बात लोगों वाणी का अंग बन लोकोक्ति कहलाने लगती है। लोकोक्ति या कहावत सम्पूर्ण तथा स्वतन्त्र वाक्य होते हैं। इसमें एक प्रकार का प्रवाह होता है। वार्तालाप में इनके प्रयोग से श्रुतिमधुर वाक्यों का सृजन होता है, साथ ही प्रयुक्त लोकोक्तियों का व्यावहारिक रूप भी सामने आता है। मुहावरे की तरह लोकोक्ति का अर्थ भी लाक्षणिक होता है। मुहावरे और लोकोक्ति में मुख्य अन्तर यह कि मुहावरा एक पदबन्धड होता है, जबकि लोकोक्ति एक स्वतन्त्र वाक्य है प्रयोग की दृष्टि से भी मुहावरे और लोकोक्ति में अन्तर है। मुहावरा किसी वाक्य में समा जाता है तथा उक्त वाक्य में चमत्कार, विशालता ला देता है जबकि लोकोक्ति किसी वाक्य के समर्थन या खण्डन के लिए प्रयुक्त को जाती है।
प्रश्न कुछ इस प्रकार
• अधजल गगरी छलकत जाए
• अब पछताए होत क्या, जब
चिड़िया चुग गई खेत
• आँख का अन्धा नाम नयनसुख
• आम के आम गुठलियों के दाम • ऊँची दुकान फीके पकवान
का वर्षा जब कृषि सुखाने
• खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे
• बिल्ली के भाग से छीका टूटा
• नाच न जाने आँगन टेढ़ा
• अन्त भला तो सब भला
. अंधेर नगरी चौपट राजा
• अन्धे के हाथ बटेर
• आसमान से गिरा खजूर में अटका
• आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास
• इधर कुआँ, उधर खाई
• उलटे बाँस बरेली को
• ऊँट के मुँह में जीरा
• एक करेला दूसरे नीम चढ़ा
• एक चोरी दूसरे सीनाजोरी
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