महत्वपूर्ण मुहावरे SSC GD के लिए
मुहावरा वी वाक्यांश है जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशिष्ट विलक्षण तथा लाक्षणिक अर्थ देता है जो शब्द समूह या पदबन्ध अपने शाब्दिक अर्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करता है, वह 'मुहावरा' कहलाता है। मुहावरों का स्वतन्त्र रूप से प्रयोग नहीं होता, बल्कि वाक्य के साथ ही प्रयुक्त होकर ये उचित अर्थ दे सकते हैं। वाक्य में मुहावरे के प्रयोग से भाषा आकर्षक हो जाती है। मुहावरों के प्रयोग से भाषा में सरलता, सरसता तथा चमत्कारपूर्ण प्रवाह उत्पन्न होता है 'मुहावरा' भाषा की समृद्धि तथा सांस्कृतिक विस्तार का प्रतीक है। इससे भाषिक परिदृश्य के सामाजिक सांस्कृतिक सम्बन्धों का पता चलता है। मुहावरों में युगीन चेतना के आधार पर परिवर्तन भी होता रहता है। 'मुहावरा' कम-से-कम दो शब्दों से बना है ये शब्द विशेषण, संज्ञा अथवा क्रिया हो सकते हैं।
जैसे—चिकना घट्टा (यहाँ 'चिकना' विशेषण तथा 'घड़ा' संज्ञा शब्द है); आँखों में रात काटना (यहाँ 'आँख' संज्ञा तथा 'काटना' क्रिया है।)
मुहावरा एक सिद्ध और रूढ़ इकाई होता है। शब्दों के हेर-फेर से मुहावरे का अर्थ असहज हो जाता है और वह मुहावरा नहीं रह जाता।
1. अंक भरना (आलिंगन करना) लिया। ) – माता ने अपने पुत्र को अंक में भर
2. अंग-अंग खिलना ( प्रसन्न हो जाना ) – विदेश प्रवास से घर आने पर
रमेश का अंग-अंग खिल उठा था। 3. अँगूठा दिखाना (समय पर इनकार कर देना ) - ) – राम ने सहायता का वादा किया था, पर आज उसने अँगूठा दिखा दिया।
4. अंगूर खट्टे होना ( प्राप्त न होने वाली वस्तु को बेकार मानना ) - पहले तो राजीव नौकरी के लिए हाय तौबा मचाता था, अब जब नौकरी नहीं मिली, तो कहता है कि नौकरी अच्छी नहीं थी अर्थात् अंगूर खट्टे हैं।
5. अन्धे की लाठी ( एकमात्र सहारा) – परेशानी की हालत में उसने मेरी सहायता अन्धे की लाठी के समान की ।
6. अन्धे के हाथ बटेर लगना (बिना प्रयास का लाभ ) - लॉटरी क्या लगी, रमेश घमण्डी हो गया है। क्यों न हो, अन्धे के हाथ बटेर जो लगी है।
7. अँधेरे में रखना ( भेद छिपाना) – उसने अन्तर्जातीय प्रेम विवाह किया,-लेकिन मुझे अँधेरे में ही रखा।
8. अन्धों में काना राजा ( अयोग्य लोगों के बीच कम योग्यता वाला भी बहुत योग्य माना जाता है) - ग्रामीण विद्यालय में पढ़ने वाला रामू थोड़ी-बहुत अंग्रेजी जानता है, जिस कारण सभी उसे तेज विद्यार्थी मानते हैं। वह अन्धों में काना राजा बना हुआ है।
9. अक्ल पर पर्दा पड़ना ( समझ न आना ) – एक ही सवाल को तुम्हें - कितनी बार समझाऊँ ? तुम्हारी अक्ल पर तो पर्दा पड़ा हुआ है।
10. अपना उल्लू सीधा करना (अपना मतलब निकालना ) - आजकल के राजनेता जनता की नहीं सोचते, वे अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं।
11. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना (लज्जित होना) – जब उसकी चोरी पकड़ी गई तो वह अपना सा मुँह लेकर रह गया।
12. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना (अपनी बड़ाई आप ही करना ) – कोई तुम्हारी तारीफ करे तो समझ में आता है, पर अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने से क्या फायदा।
0 Comments