मौर्य साम्राज्य
नन्द वंश के अन्तिम शासक धनानन्द को पराजित कर चन्द्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना 322 ई. पू. में की थी।
चन्द्रगुप्त मौर्य (321-298 ई. पू.)
• चन्द्रगुप्त की स्ट्रीबों तथा जस्टिन ने सैण्ड्रोकोटस और एरियन तथा
प्लूटार्क ने 'एण्ड्रोकोटस-नाम से सम्बोधित किया है।
● चन्द्रगुप्त ने 805 ई. पू. में सिकन्दर के सेनापति सेल्युकस निकेटर को पराजित कर एरिया, अराकोसिया, जेड़ोसिया एवं पेरीपेनिसदाई का क्षेत्र प्राप्त किया था।
• सेल्यूकस ने अपनी पुत्री का विवाह चन्द्रगुप्त मौर्य से किया तथा अपने राजदूत मेगस्थनीज को उसके दरबार में भेजा।
● मेगस्थनोज 5 वर्ष तक पाटलिपुत्र में रहा तथा 'इण्डिका' नामक पुस्तक
की रचना की। चन्द्रगुप्त मौर्य जैन धर्म का अनुयायी था। 298 ई. पू. में इसकी मृत्यु श्रावणबेलगोला (कर्नाटक) में उपवास द्वारा हो गई।
● दक्षिण भारत में प्रसिद्ध जैन केन्द्र श्रवणबेलगोला में स्थित है।
बिन्दुसार (298-273 ई.पू.)
• बिन्दुसार चन्द्रगुप्त का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था। वह आजीवक सम्प्रदाय का अनुयायी तथा अमित्रघात के नाम से जाना जाता था।
स्टेबों के अनुसार सीरियन नरेश एन्टियोकस ने बिन्दुसार के दरबार मेडा नामक राजदूत भेजा।
• एथोनियम के अनुसार, बिन्दुसार ने सीरिया के शासक एप्टियोकस से मंदिरा, सूखे अंजीर एवं एक दार्शनिक भेजने की प्रार्थना की थी। अशोक (273-236 ई.पू.)
● अशोक बिन्दुसार का उत्तराधिकारी था। चार वर्षों तक उत्तराधिकार के संघर्ष के पश्चात् 269 ई. पू. में वास्तविक रूप से राजगद्दी पर बैठा।
• शासक बनने के पूर्व अशोक अवन्ति का राज्यपाल था। मास्की तथा गुजरा अभिलेख में इसका वास्तविक नाम अशोक मिलता है।
• राज्याभिषेक के 9वें वर्ष अर्थात् 261 ई. पू. में अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया। कलिंग युद्ध के पश्चात् उसने युद्ध विजय की जगह धम्म विजय को अपनाया तथा उपगुप्त नामक बौद्ध भिक्षु से बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
अशोक ने शासन के 10वे वर्ष में बोधगया तथा 20 वे वर्ष में लुम्बिनी की यात्रा की। 13वे वर्ष में उसने धम्ममहामात्र नामक अधिकारियों की नियुक्ति की।
● अशोक के अभिलेख ब्रह्मी, ग्रीक, अरमाइक तथा खरोष्ठी लिपि मे उत्कीर्ण हैं। 1837 ई. में जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के अभिलेखों को पढ़ने में सफलता प्राप्त की।
• 14 शिलालेखों के अतिरिक्त अशोक ने 13 लघु शिलालेख, 7 लघु शिलालेख, 7 स्तम्भ अभिलेख उत्कीर्ण करवाया।
• धार्मिक स्तूप का निर्माण अशोक ने कराया था।
• शिला राजादेश XIII में अशोक ने कलिंग युद्ध के हताहतों का उल्लेख किया और युद्ध त्याग की घोषणा की।
मौर्य प्रशासन
● कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में राज्य के सप्तांग सिद्धान्त के अन्तर्गत राज्य, राजा, मन्त्री, मित्र, कोष, सेना तथा दुर्ग को राज्य के लिए आवश्यक अंग माना जाता था |
• मौर्य प्रशाशन में राजा सर्वोच्च अधिकारी होता था, मन्त्री, सभा तथा मन्त्रिपरिषद् राजा को सहायता देते थे।
मौर्य प्रशासन में शीर्षस्थ अधिकारियों को तीर्थ कहा जाता था, इनकी संख्या 18 थी।
● 'संस्था' तथा 'संचरा' गुप्त चर व्यवस्था के अंग थे।
• राज्य की आय का मुख्य स्रोत भू-राजस्व था। यह कुल उपज का 2/6 होता था।
राजकीय टकसाल के अधिकारी को 'लक्षणाध्यक्ष' कहा जाता था। मुद्राओं के परीक्षण का अधिकारी रूपदर्शक था।
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