Do I need to pass all subjects in SSC GD exam?:- No
घन एवं पासा दोनों ही त्रिआयामी (3-D) आकृति होती हैं, जिनकी लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई समान होती है, जैसे-लूड़ो का पासा। आइए दोनों आकृतियों का पृथक्-पृथक् अध्ययन करते हैं|
घन
ऐसी त्रिआयामी (3-D) आकृति जिसकी लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई समान होती है घन कहलाती है। एक घन आकृति में सदैव होते हैं
12 किनारे एक घन आकृति में सदैव 12 किनारे होते हैं, जिसमें एक समय में 9 किनारे दिखाई देते हैं तथा 3 किनारे छिपे रहते हैं अर्थात् सभी 12 किनारों को एक साथ नहीं देखा जा सकता है।
8 कौने एक घन आकृति में सदैव 8 कौने होते हैं, जिसमें एक समय में 7 कौने दिखाई देते हैं तथा 1 कौना छिपा रहता है अर्थात् सभी 8 कौनों को एक-साथ नहीं देखा जा सकता है।
6 सतह एक घन आकृति में सदैव 6 सतह होती हैं, जिसमें एक समय में केवल 3 सतहें देखी जा सकती हैं तथा शेष 3 सतह छिपी रहती हैं अर्थात् 1 समय में सभी छः सतह एक साथ नहीं देखी जा सकती हैं।
बड़े घन के छोटे घनों में काटना
यहाँ, C = केन्द्रीय घन; M= मध्य घन; S = शीर्ष घन एक बड़े घन को छोटे घनों में विभक्त करने के बाद निम्न प्रकार के घन प्राप्त होते हैं
1. शीर्ष शीर्ष घन प्रत्येक कौने पर स्थित होते हैं छोटे या बड़े घन के लिए इनकी संख्या सदैव 8 होती है। उपरोक्त घन में इन्हें S के माध्यम से दर्शाया गया है।
शीर्ष घन = 8
→ शीर्ष घनों को तीन सतह रंगीन घन भी कहा जाता है। 2. मध्य घन मध्य घन प्रत्येक किनारे के ठीक मध्य में स्थित होते हैं। उपरोक्त घन में इन्हें M के द्वारा दर्शाया गया है। बड़े घन को छोटे घनों में काटने के बाद
मध्य घनों की संख्या = 12 (n 2 ) |
→ मध्य घनों को दो सतह रंगीन घन भी कहा जाता है|
3. केन्द्रीय घन केन्द्रीय घन प्रत्येक फलक के ठीक मध्य में स्थित होते हैं। उपरोक्त घन में इन्हें C के द्वारा दर्शाया गया है। बड़े घन को छोटे घन में
काटने के बाद,
केन्द्रीय घनों की H = 6 * (n - 2) ^ 2
→ केन्द्रीय घनों को एक सतह रंगीन कहा जाता है।
4. अन्तः केन्द्रीय घन केन्द्रीय घन प्रत्येक फलक के केन्द्रीय घन के अन्दर की ओर मध्य में स्थित होते हैं। एक बड़े घन को छोटे घनों में काटने के बाद
अन्तः केन्द्रीय घनों की संख्या = (n – 2 )^3
→ अन्तः केन्द्रीय घनों को रंगहीन घन भी कहा जाता है। 5. छोटे घन बड़े घन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने के बाद प्राप्त घनों को
छोटे घन कहा जाता है, 1 बड़े घन को छोटे घनों में काटने के बाद,
छोटे घनों की संख्या = (n)^3
n=घन की बड़ी भुजा÷घन की छोटे भुजा
पासा
ऐसी त्रिआयामी ( 3 D) आकृति जिसकी लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई समान होती है वह पासा कहलाती है। एक पासे में सदैव 12 किनारे, 8 कौनें तथा 6 सतह होती हैं। सामान्यतः पासा पर आधारित प्रश्नों का अध्ययन सतहों को माध्यम बनाकर किया जाता है।
फलक / सतह एक पासा में छः फलक / सतह होती हैं। जिसमें एक समय केवल तीन सतह ही एक-साथ देखी जा सकती हैं तथा शेष तीन सतह छिपी रहती हैं। अतः सभी छः सतहों को पासे की एक स्थिति में नहीं देखा जा सकता है अर्थात् पासे की छः सतहों को देखने के लिए कम-से-कम पासे की दो स्थितियों का होना आवश्यक है।
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